सुन लो यारों आज दिले हाल बयाँ करते हैं ।
प्यार के मारों में हम भी शुमार किया किया करते हैं ।
दिल से याद करते है जब भी ,आंखों में उतर आते हैं वो ,
सपनों में ही सही ,कभी कभी वो हमसे बात किया करते हैं ।
जिसको प्यार किया बहोत ,उसी से छुपाया भी हमने
उसको ही छोड़कर ,सबको बताया भी हमने।
क्या बताऊँ क्या हाल था और कैसी बेबसी थी ,
मेरे प्यार की उर्वशी थी ,वो मेरे दिल में बसी थी ।
बहुतों को चाहत के पैमाने पर आजमाया हमने ,
कभी अपनी चाहत तो कभी पैमाने को कम पाया हमने ।
मगर उसमे कुछ बात थी ,जो बहुत ख़ास थी ,
उसकी सादगी पर मरता था ,वही सादगी तो क़यामत थी ।
वह शर्म के परदे में सदा फूल सी लगती थी ,
हर सुबह खिलती थी वो हर शाम को ढलती थी ।
सुबह-शाम देखूं जब भी अपनी धड़कन बढ़ जाती थी,
रात उसकी बातों में और यादों में कट जाती थी।
पर चार दिन का खेल यह चन्द लम्हों में बीत गया ,
दिन के सपने जैसा दिल में ही टूट गया ।
दिल ने बहोत कहा ,उससे दिल की बात कह दूँ ,
एक सफर से पहले ,नए सफर की शुरुआत कर दूँ ।
पर दिल की बात दिल में रही ,जुबां पर न आयी ,
दिल की दीवारों से लड़कर ,वह आंखों में उतर आयी ।
एक बात जो सदा सच थी ,आज फिर सामने आयी ,
प्यार की दुनिया में ,मिलन से बढ़कर है जुदाई।
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