देती सबको हरदम पानी
उछल-कूद कर मन बहलाती
करती सुबह शाम शैतानी।
पढ़ती है वह ए बी सी डी
घूमने के लिए हरदम रेडी
बातें सुन होती हैरानी,
बुधि में वह सबकी नानी
कभी सुनाये कविता-कहानी
कभी सुनाये कविता-कहानी
कभी खेले है घघो-रानी
जब याद आती है नानी
कहती है मम्मी से रानी
गंगाधर भइया बहुत हैं अच्छे
और चंदर भइया बड़े दुष्ट
गंगाधर को करे है प्यार
और चंदर से रहती हरदम रुष्ट
अम्मा को होती परेशानी, जब
दूध न पीती श्वेता रानी
अम्मा कहती !साधू बाबा आए हैं
श्वेता को पकड़ने आए हैं,
तब श्वेता डर जाती है और
दूध सफाचट कर जाती है।
No comments:
Post a Comment